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महोबा जिले के सिचौरा गाँव में ‘तीसरा कल्पतरु कवि सम्मेलन’ - 2016

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तीसरा कल्पतरु कवि सम्मेलन’ - 2016


बुन्देलखण्ड के महोबा जिले के सिचौरा गाँव में वार्षिक मेले के दौरान होगा तीसरा विशाल ‘कल्पतरु कवि सम्मेलन’-

बुन्देलखण्ड के महोबा जिले के कल्पवृक्ष के पावन गाँव सिचौरा में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 29, 30 नवम्बर एवं १ दिसम्बर को होने वाले वार्षिक मेला के दौरान भव्य रामलीला एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है | ज्ञात हो कि पिछली वर्ष की भांति इस वर्ष भी देश के सुप्रसिद्ध कलाकारों के द्वारा दिनाँक 29 नवम्बर दिन मंगलवार रात्रि 8 बजे से १ दिसंबर २०१६ दिन गुरूवार तक तीन दिवसीय रामलीला का मंचन किया जाएगा | इसके साथ ही दिनाँक १ दिसम्बर दिन गुरूवार को दोपहर १ बजे से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है | जिसमें अध्यक्षता करने के लिए देश के सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय महाकवि रवीन्द्र शुक्ल ‘रवि’ झाँसी (पूर्व शिक्षा मंत्री उ.प्र. सरकार) पधार रहे हैं | इसके साथ ही महोबा जिले के सिचौरा गाँव के युवा राष्ट्रीय कवि ‘चेतन’ नितिन खरे के संयोजन में ग्रेटर नोएडा के ओजस्वी कवि एवं मंच संचालक अमित शर्मा, कवि गौरव चौहान (इटावा), कवि प्रभात परवाना (फरीदाबाद),कवि संदीप वशिष्ठ (दिल्ली), हास्य कवि सुनहरी लाल वर्मा ‘तुरंत” (दिल्ली), ( कवयित्री दिव्या ज्योति (हरियाणा), कवयित्री ज्योति त्रिपाठी (मुंबई) के अलावा देश के सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय कवि पधार रहे हैं | इसके अलावा हिन्दू स्वाभिमान के संयोजक एवं प्रसिद्द चंडी पीठ व महादेव मंदिर डासना, गाजियाबाद के महंत यति बाबा नरसिंहा नन्द सरस्वती जी व उनके प्रतिनधि एवं श्री सज्जन दास जी (उपाचार्य, कबीर विज्ञान आश्रम, बडैया, उ.प्र.) भी आशीर्वचन हेतु पधार रहे हैं |

इस तरह साहित्य और कला से प्रेम रखने वाली बुन्देली माटी में एक विशाल साहित्यिक आयोजन हो रहा है | महाकवि तुलसीदास से लेकर राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की तपस्थली एवं प्राकृतिक संशाधनों से भरपूर, धर्म स्थलों, नदियों व पहाड़ों की अद्भुत पावन छटा को बिखेरती हुई इस परिपाटी में साहित्यिक आयोजन होना एक बार पुनः इस मिट्टी के साहित्य व कला प्रेम को दर्शाता है | बुन्देलखण्ड की माटी के विषय में महोबा के ही कवि ‘चेतन’ नितिन खरे कहते हैं-

शौर्य पराक्रम शाहष ही जिस मिट्टी के गुण होते थे,
नदी और पर्वत मालाएं जिसके चरणों को धोते थे,
उत्तर दक्षिण से पश्चिम तक जो पर्वत मालाएं थीं,
वीर प्रसूता माटी की वो चारों शौर्य भुजाएं थी,
यमुना चम्बल और बेतवा जिस सीमा से बहती हैं,
सिन्धु नर्मदा उर्मिल तमसा जिसकी गाथा कहती हैं,
जो पहुंज पैसनी और केन से सारी धरा पुरुष्कृत है,
फिर देश के ठेकेदारों से क्यों ये आज तिरष्कृत है ?

इसके अलावा पूर्व कवियों ने इस मिट्टी के साहित्य प्रेम के विषय में कहा है कि-

वामदेव, सनकादि आदि महाॠषियों की तप स्थली है,
यहीं महाकवि वाल्मीकि, तुलसी की कलम चली है।।
ज्ञानी, वेदव्यास कृष्ण द्वेैपायन कवि कुल केशव,
यहीं बिहारी, पदमाकर, भूषण का बीता वैभव।
जगनिक की वाणी में आल्हा ऊदल का शौर्य समर जागा,
भौभूति कलाधर, वेदव्यास संस्कृत का काव्य भ्रमण जागा।

इस प्रकार इस विशाल आयोजन में समस्त क्षेत्रवासियों को आमंत्रित करते हुए ‘श्री दक्षिणेश्वर नवयुवक रामलीला कमेटी’ स्वयं को गौरवान्वित महसूस करती है |

कार्यक्रम स्थल:-रामलीला मैदान, सिचौरा, थाना-कबरई जिला महोबा
समय:
रामलीला मंचन :- दिनाँक 29, 30 नवम्बर एवं १ दिसंबर ( रात्रि 08:00 बजे से )
कवि सम्मेलन:- दोपहर 1:00 बजे से प्रारम्भ (दिनाँक 1 दिसम्बर 2016 )

इस कार्यक्रम में आप सभी सम्मानित बुद्धिजीवि जन सादर आमंत्रित हैं | आप अपने परिवार एवं अभिन्न मित्रों के साथ पधारकर कल्पवृक्ष की पावन भूमि सिचौरा को गौरवान्वित करें !

निवेदक-

समस्त सिचौरा ग्रामवासी एवं श्री दक्षिणेश्वर नव-युवक रामलीला कमेटी, सिचौरा, कबरई, जिला महोबा (उ.प्र.)
मुख्य आयोजक- पं. मुकेश शर्मा एवं डॉली शर्मा (भक्त कालिका मंदिर एवं कल्पतरु धाम सिचौरा)

संपर्क सूत्र- +91 9582184195 +91 9654661186, +91 9455674360, +91 9532217797, +91 9793934923, +91 9455674336

By: Chetan Nitin


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